एक्यूपंक्चर के जरिए हर बीमारी का इलाज किया जा सकता है। यह सस्ती और सुलभ चिकित्सा पद्धति है। इसका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं है। पश्चिमी देशों में इस पद्धति का प्रयोग तेजी से बढ़ रहा है। यह कहना है यूके से आए डॉ. डेविड लूजन का।
वह राजधानी के एक होटल में नेशनल सिम्पोजियम ऑफ एक्यूपंक्चर एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से आयोजित इंटरनेशनल एक्यूपंक्चर सिम्पोजियम को संबोधित कर रहे थे।
डॉ. डेविड लूजन ने बताया कि एक्यूपंक्चर का तेजी से विकास हो रहा है।
मधुमेह से लेकर ट्यूमर तक का इस पद्धति से इलाज किया जा रहा है। मरीज के जिस अंग में ट्यूमर है उसे पहचानना सबसे अहम बात होती है। यदि पहचान हो जाए तो उसके निस्तारण में कोई समस्या नहीं होती है। इस दौरान विभिन्न स्थानों से आए एक्यूपंक्चर के विशेषज्ञों ने अपने-अपने क्षेत्र में किए गए शोधों के बारे में जानकारी दी।
इन दिनों फर्टिलिटी से जुड़ी समस्या तेजी से बढ़ी है। एक्यूपंक्चर के जरिए इसे दूर किया जा सकता है। करीब 10 साल में 91 दंपती पर यह प्रयोग किया गया, जिसमें 71 में सफलता मिली हैं। एक्यूपंक्चर चिकित्सा पद्धति का इलाज शुरू करने से पहले कुछ जांचें कराई जाती हैं। इन जांच रिपोर्ट के आधार पर इलाज शुरू किया जाता है। पति की जांच रिपोर्ट सामान्य आने पर पत्नी की जांच करानी पड़ती है। समस्या पाए जाने पर उसका इस विधि से इलाज किया जाता है। - डॉ. एमके वर्मा, लखनऊ।
एक्यूपंक्चर से बढ़ा सकते हैं फर्टिलिटी